गाँव में बड़े-बुजुर्ग कहते थे कि फर्स्ट जनवरी के दिन जैसे रहोगे, जो काम करोगे वैसा ही पूरा साल होगा. मतलब ये कि आज सवेरे उठके स्नान-ध्यान करके अच्छे से पढ़ाई करोगे, अपने सारे काम ठीक से करोगे तो पूरा साल वैसे ही अच्छा होगा. इस चक्कर में होता ये था कि ठण्ड कितनी भी… Continue Reading …
बाजा और ज़िंदगी- मीडियम वेब से एफएम तक
रेडियो कम ‘बाजा’ ज्यादा कहते थे. शहरी लोग बचपन को याद करते हैं तो मिकी माउस कार्टून और मारियो गेम की बात करते हैं. मुझे बाजा याद आता है. रेडियो को अलग कर गाँव के दिनों के बारे में नहीं सोचा जा सकता. जिंदगी से बड़े गहरे तक जुड़ा रहा है यह यंत्र. कितनी सारी… Continue Reading …