ज्ञानी और बुद्धिजीवी होना दो अलग अलग चीजें हैं. ज्ञानी तो कोई भी हो सकता है पर बुद्धिजीवी होना सबके बस की बात नहीं. इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है – फेसबुक पर, ट्विटर पर. ब्लॉग्स की जमीन से जुड़ना पड़ता है. समाज, राजनीति, दर्शन, धर्म जैसे गूढ़ विषयों पर सतत ज्ञान ठेलना पड़ता है.… Continue Reading …
बाबा नागार्जुन का काव्य संसार – भाग ३
आपने बाबा नागार्जुन श्रृंखला का पहला और दूसरा भाग पढा। दूसरे भाग में हमने उनकी रागबोध की कविताओं पर चर्चा की थी। इस भाग में उनकी यथार्थ परक कविताओं पर चर्चा होगी। इस भाग में हम सिर्फ़ बाबा की सामाजिक यथार्थ का वर्णन करती कविताओं को देखेंगे। अगले भाग में आर्थिक यथार्थ राष्ट्रप्रेम और फ़िर व्यंग्यात्मक कविताएँ। यथार्थपरक कविताएँ बाबा… Continue Reading …