पिछले 29 तारीख को एक अपना पहला DSLR कैमरा खरीदा – Nikon D5300. काफी रिसर्च करने के बाद मेरे बजट के अन्दर सबसे अच्छा कैमरा यही लगा. इससे पहले मेरे पास कैनन का एक छोटा डिजिटल कैमरा था – S95. हालांकि अपनी कैटेगरी में वह काफी बेहतरीन कैमरा था पर छोटे पॉइंट एंड शूट कैमरों की अपनी लिमिटेशंस होती हैं. उनमें फिक्स्ड लेंस होता है, सेटिंग्स में बहुत ज्यादा बदलाव आप नहीं कर सकते, फोकस की समस्याएँ होती हैं. इसलिए इस बार DSLR कैमरा खरीद कर फ़ोटोग्राफी सीखने का निर्णय लिया.
सबसे ज्यादा समस्या लेंस को लेकर हुई. मुझे पता नहीं था कि इतने तरह के लेंस होते हैं. :) सही लेंस के चुनाव के लिए काफी ज्यादा रिसर्च करना पड़ा और कई मित्रों की सलाह लेनी पड़ी. अंत में 35mm f1.8G लेंस लेने का निर्णय किया. इस लेंस की फोकल लेंथ 35mmपर फिक्स्ड होती है. इसका मतलब यह हुआ कि इससे आप ज़ूम इन या ज़ूम आउट नहीं कर सकते. आपको खुद ही चलकर सब्जेक्ट के करीब या दूर जाना पड़ेगा. यह शुरू में बहुत बड़ी लिमिटेशन की तरह लगा पर नेट पर रिसर्च के दौरान पता चला कि अधिकाँश प्रोफेशनल फोटोग्राफर शुरू में फिक्स्ड प्राइम लेंस से ही फोटोग्राफी करने की सलाह देते हैं. क्योंकि इससे आपको शुरू से ही आसानी से चीज़ों को ज़ूम करके फोटो लेने की आदत नहीं पड़ती. आप सही तरीके से फोटो को फ्रेम और कम्पोज करना सीखते हैं. एक बार इन बारीकियों की समझ हो जाने के बाद जब आप ज़ूम वाले लेंस का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी फोटोग्राफी में और निखार आता है. इसलिए मैंने पहले लेंस के रूम में 35mm प्राइम लेंस लेने का निर्णय लिया. इस लेंस की एक और अच्छी बात यह है कि इसका एपरचर 1.8 है जो कि काफी वाइड है. इसका मतलब यह हुआ कि लेंस कम समय में ज्यादा लाईट को कैमरे में जाने देता है जिससे लो लाईट सिचुएशन में या फिर चलती-फिरती चीजों की फोटो भी ठीक आती है.
नीचे कुछ तस्वीरें हैं जो कैमरा खरीदने बाद अपनी यूनिवर्सिटी के आस पास ली थी.



