Satish Satyarthi

  • Home
  • Blogging
  • Technology
  • Learn Korean
  • 힌디어 배우기

Connect with Me

  • Facebook
  • Google+
  • LinkedIn
  • Twitter

Powered by Genesis

Home » हिन्दी » टेक्नोलॉजी » फेसबुक पर पाए जाने वाले 20 तरह के प्राणी – पार्ट 2

फेसबुक पर पाए जाने वाले 20 तरह के प्राणी – पार्ट 2

August 30, 2012 By Satish Chandra Satyarthi 8 Comments

 

types of facebook users

पहले पार्ट के लिए यहाँ जाएँ:- फेसबुक पर पाए जाने वाले 20 तरह के प्राणी

11. द बाबा-   इस कैटेगरी में पत्रकार, लेखक, प्रोफ़ेसर, अफसर वगैरह लोग आते हैं. इन्हें लगता है कि ये दुनिया के सबसे बड़े इंटेलेक्चुअल हैं और पॉलिटिक्स, सोसायटी, आर्ट वगैरह से नीचे की टॉपिक्स पर लिखना इनके लिए तौहीन की बात है. कभी-कभी अच्छे मूड में होने पर ये कुछ फनी लिखने की भी कोशिश करते हैं जो जेनेरली असफल ही होता है. ये महीनों-बर्षों मेहनत करके अपने इर्द-गिर्द भक्तों और चमचों की एक फ़ौज खड़ी कर लेते हैं जो इनके हर पोस्ट पर ऐसे ताली बजाती है जैसे इससे कालजयी आज तक लिखा ही नहीं गया. ये सिर्फ पोस्ट करते हैं. दूसरों के पोस्ट्स को लाइक करना, उनपर कमेंट करना या छोटे-मोटे लोगों के कमेंट्स का जवाब देना ये समय की बर्बादी समझते हैं. अगर किसी भक्त से ज्यादा खुश हों तो कभी-कभी एक-दो शब्द लिख देते हैं जिससे वह भक्त अपने आप को धन्य मानता है. 

उपाय: इन्हें अधिक भाव न दें. इस भरोसे में बिलकुल न रहें कि ये कभी आपको कहीं लगवा देंगे या आपकी किताब छपवा देंगे. इनकी बातों और तर्कों को कभी काटें नहीं चाहे वो कितनी बेवकूफों वाली क्यों न हों. वो खुद तो बाद में आयेंगे, उससे पहले उनके भक्त आप पर राशन-पानी लेकर चढ़ जायेंगे. 

12. द  समाजसेवी-इनके स्टेटस देखकर लगता है कि समाज के उद्धार का सारा बीड़ा इन्हीं के कंधों पर है. जैसे टिटहरी पेड़ पर उलटा सोती है कि यदि आसमान गिरेगा तो वो उसे थाम लेगी वैसे ही ये फेसबुक पर डटे रहते हैं. माता-पिता का सम्मान करना चाहिए, सारे धर्मों में प्रेमभाव होना चाहिए, पेड़-पौधों और पशुओं से कैसे प्रेम करना चाहिए, कैसे मेहनत से पढकर समाज का नाम रोशन करना चाहिए.. ये सब प्रेरणा वाले सन्देश, पोस्ट इनके स्टेटस के अभिन्न अंग होते हैं. इनको लगता है कि वे खुद ये सब प्राप्त करके ऑलरेडी इन सबसे ऊपर उठ चुके हैं और अब इनका काम समाज को सही दिशा दिखाना है.  

उपाय: इनको दूर से प्रणाम करें. वरना आपकी खैर नहीं.

13. द शेयरकर्ता- ये भी फाड़ू प्रजाति के प्राणी है. शेयर करना और करवाना ही इनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य होता है. ये कोई भी पोस्ट, फोटो, लिंक शेयर कर देते हैं बिना यह जांचे कि वह सही है भी या नहीं और आपसे भी वही उम्मीद रखते हैं. कुछ उदाहरण:- १) यह बजरंगबली की तस्वीर लाइक करें तो २ दिन में कुछ अच्छा होगा. शेयर करें तो दस मिनट में गड़ा धन मिलेगा. २) जो असली माई का लाल होगा वो इस भगत सिंह की फोटो को लाइक करेगा और जो असली बाप का लाल होगा वो शेयर करेगा. ३) किसी को खून चाहिए, फ्री में हार्ट सर्जरी कराना हो, भारत से गरीबी दूर करनी हो, या बदहजमी ठीक करनी हो इस नंबर पर फोन करें. इसे शेयर कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचायें जिससे सबका भला हो. ४) ये है देश के शेर सचिन, शाहरुख और मंगरू की तस्वीर, एक लाइक मतलब एक सैल्यूट ५) ये देखिये एक गरीब बच्चा.. यूनिसेफ ने कहा है कि अगर दस लाख लोग इसको लाइक करेंगे तो वह इस बच्चे को एक करोड़ रुपया देगी और अगर बीस लाख लोग शेयर करेंगे तो इसको यूएन का जनरल सेक्रेटरी बना देगी.

उपाय: ऐसे लोगों को देख कर रास्ता बदल लें. उन्हें एक जाली अकाउंट से मैसेज भेजें कि कैसे दुनिया उनसे पीड़ित और त्रस्त है. 

14. द फोटूग्राफर- ये फेसबुक पर कुछ लिखते नहीं सिर्फ फोटो लगाते हैं. इनमें से ज्यादातर ने नया-नया कैमरा या कैमरे वाला मोबाइल खरीदा होता है. थ्री इडियट फिल्म आने के बाद से इस प्रजाति की जनसंख्या में भारी बढोतरी हुई है. ये जहाँ जाते हैं वहाँ की एक फोटो लेकर चेप देते हैं- फूल, टेबल, कुर्सी, खाना, चिड़िया, जानवर, बच्चा कुछ भी. कोई फंक्शन हुआ तो सौ-दो सौ फोटो की एक एल्बम के लिए तैयार रहें.  कुछ न हुआ तो ये खुद की सेल्फी ले मारते हैं. आखिर ख़ूबसूरत शक्ल कभी तो काम आये. इस प्रजाति में जो थोड़े उन्नत किस्म के प्राणी हैं वो अपनी फोटो में फोटोशॉप से ‘अ फलाना फोटोग्राफी’ का वाटरमार्क लगा देते हैं और एक फैन पेज और ब्लॉग भी बना लेते हैं. इससे उनके फोटोग्राफ्स की गुणवत्ता और फैन्स की संख्या में भयंकर वृद्धि होती देखी गयी है.

उपाय: इनकी फोटोज की तारीफ़ करते रहें. ऐसे लोग फोटो खीचते-खीचते सीख जाते हैं और अच्छी फोटू खेंचने लगते हैं. शादी-ब्याह-जन्मदिन वगैरह के मौके पर बड़े काम आते हैं.

15. द कवि- इनसे कौन त्रस्त नहीं है? दरअसल फेसबुक पर कुछ असली कवियों ने अकाउंट बना रखे हैं और (असली) कविताएँ डालते हैं. उनको लोग लाइक भी करते हैं और प्रशंसा भी करते हैं. लेकिन इसका साइड इफेक्ट यह हुआ है कि फेसबुक पर हर दिन भारी संख्या में कवि और शायर  पैदा हो रहे हैं. ये कवि पाँच मिनट में कविता असेम्बल कर देते हैं. जिस विषय पर कहो उसी पर. कविता ऐसी कि दिनकर और निराला पढ़ लें तो गड्ढे में कूद के प्राण त्याग दें. सुना है भारत में ऐसे कवियों की संख्या में बढोतरी को देखते हुए चाइनीज कपनियां कविता असेम्बल करने वाली मशीन भी बना रही है. उसमें आप कहीं से कुछ लिखा हुआ कॉपी मारके पेस्ट कर दो और  मशीन उसको तुरंत प्रोसेसिंग करके कौमा, फुलस्टॉप सहित कविता में कन्वर्ट कर देगी. ये मशीन आये तो मैं भी एक खरीदूँगा.

उपाय: इनकी कविता को लाइक करके कमेंट जरुर कर दो नहीं तो ये आपको मेल से भेज देंगे और कहेंगे कि पढ़के बताओ कैसी लगी. फिर आप फेर में पड़ जायेंगे.

16. द टाइम्स ऑफ फेसबुक- इनको आप न्यूजदाता भी कह सकते हैं. अगर इस श्रेणी के जीव आपकी फ्रेंड लिस्ट में हैं तो आप अख़बारों और न्यूज़ चैनलों को फ़ौरन अनसब्सक्राइब करा दें.क्योंकि आपको उनकी जरुरत ही नहीं है अब. ये सबसे तेज हैं. कभी-कभी तो न्यूज साइट्स और एजेंसीज से पहले खबर इनके फेसबुक वाल पर आ जाती है. कहाँ तूफ़ान आया, कहाँ दुर्घटना हुई, किसने वर्ल्डकप जीता, किस कलाकार का निधन हुआ, आज किसका जन्मदिन और पुण्यतिथि है – सब ये फेसबुक पर अप-टू-डेट रखते हैं. देशी-विदेशी पर्व-त्यौहार-दिवस वगैरह भी सही डेट के साथ आपको मिल जायेगा यहाँ. कुल मिलाकर इनकी फेसबुक वाल एक न्यूजपेपर कम पंचांग होती है.

उपाय: ये बड़े काम के जीव हैं. सारे दुनिया की न्यूज आपके फेसबुक वाल पर अप-टू-डेट है. और क्या चाहिए? 

17. द खुली किताब- इनका जीवन एक खुली किताब की तरह होता है. प्राइवेसी नाम के वर्ड को ये अपनी डिक्शनरी से नोच कर निकाल देते हैं या उसपर स्याही गिरा देते हैं. ये सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक जो भी करते हैं उसके बारे में दुनिया को बता देना अपना कर्तव्य समझते हैं. कब शौचालय गए, वहाँ कितनी देर रहे, आज किस मार्केट की किस दूकान से किस रंग का पायजामा खरीदा, किसके साथ कब, कहाँ, क्या और कैसे खाया यह सब आपको पूरी इन्फोर्मेशन के साथ बताते चलते हैं ये. कल को कोई ये न कहे कि ये नहीं बताया. अक्सर इनके दिन की शुरुआत सुबह फेसबुक पर ‘गुड मोर्निंग’ लिखने से होती है जो रात को ‘गुड नाईट’ से खत्म होती है. अगर किसी दिन ये गुड नाईट बोलना भूल जाएँ तो इनको नींद नहीं आती. लगता है लोग क्या सोच रहे होंगे. आज गुड नाईट नहीं बोला. फिर अगले दिन ये बकायदा सॉरी बोलते हैं इसके लिए. 

उपाय: मैं हाथ जोड़ता हूँ. इनसे आप खुद निपटें.

18. द ग्रामर-तोड़ू- ग्रामर और स्पेलिंग से इनकी जन्मजात दुश्मनी होती है.  लेकिन ये लिखते हमेशा अंग्रेजी में ही हैं. इनकी अंग्रेजी पढकर अच्छे-खासे लोगों को जुकाम हो जाता है. वो तो हम इंडियंस टांग टूटी अंग्रेजी को भी जोड़-तोड़कर समझ लेते हैं पर गलती से अगर कोई अंग्रेज देख ले तो वह आत्महत्या कर लेगा. 

उपाय: अगर आप अपना भला चाहते हैं तो इनको ग्रामर और स्पेलिंग की मिस्टेक्स के बारे में भूल कर भी न बताएं. ये तुरंत अपना टॉफेल का सर्टिफिकेट पोस्ट करके आपको आपकी औकात दिखा देंगे. इनसे अगर आपने हिन्दी में लिखने को बोल दिया तो आपकी खैर नहीं.

19. द इनवाईटर- ये आपको हर दिन पाँच इवेंट्स, दस ग्रुप्स और तेरह फैन पेज को ज्वाइन करने का इन्विटेशन भेजेंगे. बुरा न मानें. ये आपके शुभचिंतक हैं और आपके भले के लिए ऐसा करते हैं.

उपाय: इनसे आप खुद निपटें.

20. द लाइकर-कम-लोलर- ये भी निरीह जीव हैं. किसी का नुकसान नहीं करते. ये किसी भी पोस्ट पर कुछ लिखते नहीं, कोई राय नहीं देते. बस उसे लाइक कर देते हैं और LOL, ROFL, LMFAO वगैरह लिख देते हैं. या फिर स्माइली लगा देते हैं. इससे यह पता चल जाता है कि या तो आपकी पोस्ट उनके इंटेलेक्चुअल लेवल की नहीं है इसलिए वे कुछ लिखने में अपना टाइम वेस्ट नहीं करेंगे या फिर वास्तव में उन्होंने आपकी पोस्ट को समझा है और एन्जॉय किया है लेकिन समय अभाव के कारण कुछ कह नहीं पा रहे. 

उपाय: इनके लाइक और लोल के लिए अपने आपको धन्य मानें और हनुमान जी को सवा रूपये का प्रसाद चढाएं.

फेसबुक कथा समाप्त. अब अपने फेसबुक पर जाइए, आराम कीजिये.

Filed Under: Humor, टेक्नोलॉजी, हिन्दी Tagged With: Facebook, Humor, फेसबुक, व्यंग्य

About Satish Chandra Satyarthi

I am Satish - a professional blogger and language educator. You can connect with me on Facebook, Twitter or Google+

Comments

  1. anupkidak says

    September 4, 2012 at 11:51 AM

    सारे के सारे सूत्र बांच लिये। अब अमल शुरु करना है।

    Reply
    • Satish says

      September 4, 2012 at 1:39 PM

      जल्दी अमल में लाइए.. खासकर आपके कुछ खास प्रकार के मित्रों से हम भी पीड़ित हैं… जैसे- टैगकर्ता… टैग आपको करते हैं भुगतते हम सब हैं… 😉

      Reply
  2. mantu kumar says

    September 4, 2012 at 3:59 PM

    बहुत मज़ा आया पढ़ के | हम भी फेसबुक पर पाए जाने वाले प्राणियों मे से एक हैं | इन २० केटेगरी मे से किसी ना किसी मे हम भी “थोड़ा-थोड़ा” इन्क्लूड होते ही हैं…|
    बाकी हमारे दोस्तों के करतूतों से भुगतना तो हमें ही पड़ता है | हमरे पास त ऐके गो इलाज है,,,”इन जैसों को भाव ही मत दो”;)

    Reply
    • Satish says

      September 5, 2012 at 12:18 AM

      थोड़ा-थोड़ा नहीं भाई हम सब लोग पूरा-पूरा आते हैं कई कैटेगरीज में…
      और आपका इलाज सर्वश्रेष्ठ इलाज है… 😉

      Reply
  3. PD says

    September 4, 2012 at 5:03 PM

    द टैगकर्ता – हम तो भैया चुपके से हटा देते हैं.

    द रीडर – आजकल हम भी यही बने हुए हैं.

    द ताकू-झाँकू – अच्छा किया जो बता दिया, ध्यान रखना पड़ेगा.

    द दुष्ट – अभिषेक के लिए हम तो यही हैं. कौन अभिषेक? अरे वही अपना पटना वाला दोस्त : http://abhi-cse-love.blogspot.in

    द फोटूग्राफर – हा हा हा.. उपाय वाली आखिरी पंक्ति तो लगता है मेरे लिए ही लिखी गई है.. लोग मेरा दुरूपयोग आजकल इसी तरह से करते हैं.

    Reply
    • Satish says

      September 5, 2012 at 12:20 AM

      हाहाहा… चलिए फिर आपका नाम हम भी लिख के रख लेते हैं… कभी फोटू खिंचवाना हुआ तो आपही को बुलाएंगे.. 😉

      Reply
  4. Sujit Kumar Lucky says

    December 29, 2013 at 3:53 AM

    हम तो मल्टी कटेगरी में पाए जाने वाले फेसबुक प्राणी प्रतीत होने लगे आपका पोस्ट अच्छा लगा ऐसे फेसबुक पर बहुत दिनों से आपके साथ जुरा हुआ हूँ पर आज आपके ब्लॉग पर आया !!

    Reply
    • Satish says

      December 29, 2013 at 1:49 PM

      धन्यवाद सुजीत जी. आपका ब्लॉग भी मैंने नहीं देखा था. चेक करता हूँ 🙂

      Reply

Please Leave your Comment Cancel reply

Subscribe to my blog

Get all new posts into your inbox!

My Courses on Udemy

Recent Posts

  • How to Setup Cloudflare Free SSL on a WordPress Site (2021)
  • Free Cloudflare CDN – Latest Setup for WordPress (2021)
  • Free Books and Online Courses You can Use during Lockdown
  • Increase the Maximum File Upload Size in WordPress
  • Should you master Grammar and Vocabulary before you start reading authentic text?
  • WordPress and Adsense Asynchronous Code – 2 Minute Guide

Top Posts & Pages

  • बाबा नागार्जुन का काव्य संसार - भाग २
  • बाबा नागार्जुन का काव्य संसार - भाग ३
  • कल्याण पत्रिका गीताप्रेस
  • Free Books and Online Courses You can Use during Lockdown
  • बाबा नागार्जुन का काव्य संसार - भाग १
  • बाबा नागार्जुन का काव्य संसार - भाग ५
  • गुरुजी, आपको नमन!
  • Solution - Hostgator WordPress Emails going to Spam
  • How to Setup Cloudflare Free SSL on a WordPress Site (2021)
Integrately - Integration platform
 

Loading Comments...