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मेरी कैरियर से जुड़े अहम फैसले – बेवकूफियों की सीरीज

January 6, 2015 By Satish Chandra Satyarthi 2 Comments

Career Decisions right or wrong1. बिहार में सरकारी नौकरी की जितनी वैल्यू है उतनी किसी और प्रोफेशन की नहीं. 2007 में मुझे बैंक की नौकरी हुई थी. और ठीक उसी समय जेएनयू का एंट्रेस टेस्ट भी हो गया था. मैंने नौकरी की जगह जेएनयू में पढ़ने का ऑप्शन चुना. मेरे जानने वालों के अनुसार यह मेरी बहुत बड़ी बेवकूफी थी.
2. जेएनयू से ग्रेजुएशन के बाद मेरे बहुत सारे करीबी लोगों का कहना था कि मुझे सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी चाहिए पर मैंने आगे की पढ़ाई के लिए कोरिया जाने का निर्णय लिया. यह लोगों के अनुसार मेरी बेवकूफी थी. ऐसा नहीं कि मैं तैयारी करता तो हो ही जाता पर लोगों का कहना था कि मुझे कम से कम अटेम्प्ट करना चाहिए था.
3. कोरिया में पढ़ाई पूरी होने के बाद मेरे सुपरवाइज़र और एक और प्रोफ़ेसर ने कहा कि आगे यहीं रिसर्च करो, स्कॉलरशिप के लिए रिकमेंडेशन हम लिख देंगे. पर मैंने यह कहकर माफी मांग ली कि सर अभी भारत वापस जाकर कुछ करना चाहता हूँ. बाद में अगर कोरिया आना ही पड़ा तो जरूर आपको बताउंगा. लोगों के अनुसार लौटकर यहाँ आना मेरा बेवकूफी वाला निर्णय था.
4. कोरिया में कई अच्छी कंपनियों में ऊँचे पदों पर बैठे कुछ लोगों से संपर्क हुआ था और उन्होंने मुझे बोला कि यहाँ जॉब करनी हो तो बताना. पर मैं डिग्री पूरी करके सीधा वापस आ गया. अधिकतर लोगों का कहना था कि यहाँ क्या करने आये, वहीं जॉब करना चाहिए था. ज्यादा नहीं तो दो-चार साल काम करके कुछ पैसे ही जमा कर लेते फिर आते.
5. भारत लौटने के बाद भी पिछले एक साल में कम से कम 4-5 इतने अच्छे जॉब ऑफर्स आये जिन्हें मना करना बहुत मुश्किल था. लेकिन मैंने अपनी पसंद का काम करने के लिए थोड़ा और स्ट्रगल करने का डिसीजन लिया. कई लोग अब भी कहते हैं कि मैं बेवकूफी कर रहा हूँ.

कुल मिलाकर लोगों के अनुसार मैंने पिछले कुछ सालों में बेवकूफियों की पूरी सीरीज बनायी है. 🙂 अब ये बेवकूफियां थीं या समझदारी यह तो भविष्य ही बताएगा लेकिन दोनों ही स्थितियों में मैं खुद से संतुष्ट रहूँगा कि मैंने भेड़चाल और लोगों की ओपिनियन के हिसाब से ज़िंदगी के अहम फैसले नहीं लिए. अगर मैं पूरी तरह असफल भी रहा तो भी मेरे पास लोगों को अपने अनुभव से बताने को काफी कुछ रहेगा. वैसे भी मेरे जैसे लोगों के लिए जिन्होंने शुरूआत ज़ीरो से की है, खोने के लिए कुछ नहीं है और पाने के लिए पूरा आसमान. 🙂

Filed Under: हिन्दी Tagged With: Career, Life

About Satish Chandra Satyarthi

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Comments

  1. रवि-रतलामी says

    December 9, 2015 at 12:51 PM

    बेवकूफियाँ जारी रहें – शुभकामनाएँ.
    बैंक की नौकरी ले लेते तो शायद आज हम नहीं जानते कि ये सतीश चन्द्र सत्यार्थी कौन है!

    Reply
    • Satish Chandra Satyarthi says

      December 20, 2015 at 9:03 PM

      शुक्रिया. 🙂

      Reply

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