हिन्दी दिवस से नयी शुरुआत

by Dr. Satish Chandra Satyarthi  - September 15, 2012

Indian Cultural Centre Seoul इस बार के हिन्दी दिवस से दो अच्छे काम शुरू कर रहा हूँ जिनको लेकर मैं काफी उत्साहित हूँ. पहला सियोल में भारतीय दूतावास के सांस्कृतिक केन्द्र (Indian Cultural Centre, Seoul) में हिन्दी शिक्षक के रूप में पढ़ाना शुरू किया और दूसरा कोरियन यूनिवर्सिटीज में हिन्दी पढ़ रहे छात्रों के लिए मुफ्त में हिन्दी क्लासेज शुरू करने जा रहा हूँ.

Indian Cultural Centre सियोल में भारतीय दूतावास की सांस्कृतिक इकाई है जो भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद [Indian Council for Cultural Relations (ICCR)] से संबद्ध है. यह कोरियाई लोगों के लिए तरह-तरह के भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के अलावा भारतीय संगीत, नृत्य, योग और हिन्दी की कक्षाएं  भी चलाता है. चूँकि इन क्लासेज की फीस बहुत ही कम होती है इसलिए काफी लोग यहाँ यह सब सीखने और भारतीय संस्कृति को समझने के लिए आते हैं.

पहले यहाँ मेरे जेएनयू और सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी के सीनियर सत्यांशु श्रीवास्तव हिन्दी पढ़ा रहे थे. पर अभी कुछ दिन पहले उनकी नियुक्ति जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के कोरियन लैंगुएज डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के रूप में हो गयी तो उन्हें भारत जाना पड़ रहा है. तो अब उनकी जगह मैं ज्वाइन कर रहा हूँ. हिन्दी दिवस के दिन ही सत्यांशु सर के साथ इन्डियन एम्बेसी गया था सेंटर की डायरेक्टर और एम्बेसी में सेकण्ड सेक्रेटरी श्रीमती भानु प्रकाश जी से मिलने तो उन्होंने कहा कि अगर आप कल से ही शुरू कर सकें तो बेहतर होगा.

यह कोई तनख्वाह वाली नौकरी नहीं है बल्कि एक वोलंटरी सेवा की तरह है. हफ्ते में एक दिन एक-एक घंटे की दो क्लासेज लेनी हैं. महीने में जो पैसे वे देंगे उससे आने-जाने का खर्च और उस दिन का लंच-डिनर हो जायेगा बस. 🙂 मैं अलग से एक प्राइवेट इंस्टीच्यूट में हिन्दी पढाता हूँ जहाँ दो-तीन ही छात्र हैं, वो भी इससे ज्यादा पैसे देते हैं. लेकिन यहाँ पढ़ाने का उद्देश्य पैसा है भी नहीं. अधिक से अधिक लोगों को हिन्दी भाषा और भारतीय संस्कृति के बारे में बता सकूंगा यही अपने आप में बहुत ज्यादा संतुष्टि की बात है. दूसरी बात कि मुझे आगे भाषा शिक्षण के क्षेत्र में ही जाना है तो पढ़ाते हुए मुझे काफी कुछ सीखने को मिलेगा. पैसा कमाने के अवसर आगे बहुत मिलेंगे; अभी सीखने का समय है तो जितना सीखा जाए उतना अच्छा है.

आज पहला दिन था. दो क्लासेज थीं – एक लेवल 2 जिसमें आठ छात्र थे और जो हिन्दी में हलके-फुल्के वाक्य बोल-समझ सकते थे; और दूसरा लेवल  1 जिसमें अठारह छात्र थे जो आज ही हिन्दी सीखना शुरू कर रहे थे. क्लास की जो सबसे अच्छी बात लगी वो यह कि उसमें अलग-अलग उम्र और बैकग्राउंड के लोग हैं. सबसे छोटा छात्र आठ-नौ साल का है और सबसेबड़े छात्र पचास के आसपास के. कंपनी में काम करने वाले भी हैं, बिजनेसमैन भी, भारत भ्रमण के लिए हिन्दी सीखने वाले भी और एक कोरियाई महिला तो अपने भारतीय पति को इम्प्रेस करने के लिए  हिन्दी सीख रही हैं. बिगिनर क्लास में आज हिन्दी वर्णमाला और बेसिक एक्सप्रेशंस सिखाए. क्लास पूरी कोरियन मीडियम में ही चल रही है इसलिए मेरी कोरियन की भी अच्छी खासी प्रैक्टिस हो रही है.

अब दूसरे काम के बारे में. जैसा मैंने पहले बताया कि मैं एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट में हिन्दी पढाता हूँ. वहां पर कई बार ऐसे कोरियाई छात्र कोचिंग के तौर पर पढ़ने आते हैं जो कोरिया की यूनिवर्सिटीज के हिन्दी विभाग से बीए की पढ़ाई कर रहे हैं. कोरिया में दो विश्वविद्यालयों में हिन्दी के विभाग हैं जिनमें लगभग तीन सौ से ज्यादा छात्र हिन्दी पढ़ते हैं. पर दुःख और आश्चर्य की बात यह है कि इन यूनिवर्सिटीज में दो-तीन साल से हिन्दी पढ़ रहे छात्र भी हिन्दी में ठीक से साधारण बातचीत भी नहीं कर पाते. कारण कई हैं पर कई छात्रों से बात करने पर मूल कारण मुझे यही समझ में आया कि कमी छात्रों में नहीं शिक्षकों में है. तो अभी एक महीने पहले मेरे दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों न थोड़ा समय इन छात्रों की मदद करने में दिया जाए. मैंने सियोल में स्थित Hanguk University of Foreign Studies के हिन्दी विभाग की अपनी एक छात्रा से कहा कि अगर तुम्हारे डिपार्टमेंट के छात्र हफ्ते में एक दिन मेरे यूनिवर्सिटी के कैम्पस तक आ सकते हैं तो मैं दो घंटे मुफ्त में पढ़ा सकता हूँ.

तो अभी कुछ दिन पहले उस लड़की ने पच्चीस छात्रों की लिस्ट दी जो मेरे स्थान तक आकर पढ़ने को इच्छुक हैं. तो कल रविवार को उन सबको पहली बार मिलने के लिए बुलाया है. मिलकर क्लास का समय और रूपरेखा तैयार की जायेगी. देखते हैं कैसा रहता है यह प्रयोग. छात्रों से मिलने के बाद आप सबको अपडेट करूँगा. 🙂

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Dr. Satish Chandra Satyarthi

Dr. Satish Satyarthi is the Founder of CEO of LKI School of Korean Language. He is also the founder of many other renowned websites like TOPIK GUIDE and Annyeong India. He has been associated with many corporate companies, government organizations and universities as a Korean language and linguistics expert. You can connect with him on Facebook, Twitter or Google+

  • ये तो पुण्य का काम टाइप हो गया। अच्छा अनुभव रहेगा। अपडेट का इंतजार है! अपने छात्रों को हिंदी में ब्लॉग लिखने का सुझाव दे सकते हैं जैसे विजय ठाकुर अपने छात्रों से करवाते थे http://prarambh.blogspot.in/ पाडकास्टिंग भी करा सकते हैं।

  • वाह…. बहुत ही बेहतरीन काम कर रहे हो सतीश भाई….

    आपकी इस पोस्ट से सियोल में स्थित अपने दूतावास की यादें ताजा हो गयी… जब मैं सियोल में था, तब हर रविवार को दूतावास जाया करता था.. और पता है… घंटे भर तक केवल पूरे सप्ताह के हिदी अखबार पढता रहता था… 🙂

  • वाह….
    हिंदी दिवस में सार्थक शुरुआत….
    अनेकों शुभकामनाएं….
    अनु

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