पहली बार इंटरनेट पर टाइम खोटा करने के लिए किसी ने पैसे दिए. रकम ज्यादा बड़ी नहीं थी पर बहुत खुशी मिली. यह पेमेंट मेरे अंग्रेजी और कोरियन के ब्लॉग टॉपिक गाइड पर गूगल के विज्ञापनों के लिए आई थी. यह ब्लॉग टॉफेल टाइप के कोरियन लैंगुएज प्रोफिशिएंसी टेस्ट (TOPIK) के बारे में है.
यह ब्लॉग मैंने तब बनाया था जब मैं जेएनयू के कोरियन डिपार्टमेंट में थर्ड इयर में था, यानि 2010 में. मैं भी इस टेस्ट के लिए तैयारी कर रहा था और मैंने देखा कि जो इनकी ऑफिशल साईट है वो लगभग पूरी तरह से कोरियन में है और उसपर से पिछले सालों के पेपर्स वगैरह डाउनलोड करना बड़ा मुश्किल है. खासकर उन छात्रों के लिए जो अभी कोरियन लैंगुएज के बिगिनर स्टेज में हैं. उस समय अंग्रेजी में न तो इस टेस्ट के बारे में कोई साईट थी न ही इसके बारे में अंग्रेजी में कोई जानकारी कहीं थी. तो मेरे दिमाग में आया कि क्यों न एक ब्लॉग बनाकर अंग्रेजी में सारी जानकारी एक जगह रख दी जाए और साथ ही पिछले सालों के पेपर भी डाल दिए जाएँ. तो वर्डप्रेस पर एक ऐसे ही अमेच्योर टाइप ब्लॉग (http://topikexam.wordpress.com/) बनाकर कुछ-कुछ जानकारी डाल दी. फिर कुछ महीनों बाद लगा कि थोड़ा डिजायन वगैरह चेंज किया जाए ब्लॉग का तो वह वर्डप्रेस पर करना बहुत मुश्किल लगा. तो ब्लॉगर पर एक नया ब्लॉग बनाया (http://topikguide.blogspot.com)और डिजायन वगैरह थोड़ा अच्छा करके पूरी ब्लॉग सामग्री वहां कॉपी पेस्ट मार दी. पुराने ब्लॉग को वैसे ही रहने दिया. बस नये ब्लॉग का लिंक वहां दे दिया.
लेकिन बीच-बीच में बस ये सब टेक्नीकल खुरपेंच ही चल रही थी.. ब्लॉग पर सामग्री में रूप में मैंने अपनी तरफ से लगभग कुछ भी नहीं डाला था. बस ऑफिशल साईट के जरूरी कंटेंट को ही इंग्लिश में रख दिया था. कुछ महीनों पहले मैंने नोटिस किया कि इस ब्लॉग पर मेरे महीने में दो-चार घंटे का समय भी न देने के बाद भी प्रतिदिन तीन-चार सौ पेजव्यूज़ आ रहे हैं. और लोग दुनिया के अलग-अलग कोनों से आ रहे थे. फिर मुझे लगा कि थोड़ा बहुत मुझे इसपर लिखते रहना चाहिए. तो मैंने महीने-दो महीने में कुछ-कुछ कंटेंट डालना शुरू किया. ब्लॉग के नाम में ब्लोगस्पोट लगा अच्छा नहीं लग रहा था तो एक सस्ता डोमेन खरीदा www.topikguide.in और ब्लॉग को उसपर रिडायरेक्ट कर दिया. फिर कुछ दिनों बाद लगा कि इस ब्लॉग पर इंडिया से ज्यादा तो दूसरे देशों के लोग आते हैं. ये डॉट इन वाला यूआरएल अच्छा नहीं लग रहा. तो दस डॉलर में गोडैडी से www.topikguide.com डोमेन खरीदा. अब नाम कुछ अच्छा लग रहा था. पर ब्लॉगर प्लेटफोर्म की अपनी लिमिटेशंस होती हैं. डिजायन के मामले में भी और कंटेंट उपलोड करने के मामले में भी. दूसरी चीज की साईट अपनी प्रोपर्टी टाइप फील नहीं होती. लगता है गूगल के किराए के मकान में रह रहे हैं. एक ब्रांड वैल्यू नहीं बनती आपकी साईट की वर्डप्रेस या ब्लागस्पाट सबडोमेन पर.
तो अभी इस साल जून में जब कुछ ज्यादा भूत सवार हुआ ब्लॉगिंग का तो आइपेज से होस्टिंग सर्विसेज ली. ज्यादा मंहगी नहीं पड़ी. लेने से पहले मैंने काफी रिसर्च किया. और भी अच्छी सर्विसेज थीं पर सबसे सस्ता आइपेज ही था जिसके अच्छे रिव्यूज भी था. मैंने सोचा इससे शुरू करते हैं आगे बदलने का ऑप्शन तो हमेशा है ही. अच्छी बात ये है कि अब तक ऐसी कोई दिक्कत नहीं आयी है. होस्टिंग के साथ अपने इस ब्लॉग के लिए डोमेन भी साथ में फ्री में मिल गया. अब समस्या थी पुराने किराए वाले मकान ने नये मकान में शिफ्ट करने की. यह बड़ा जटिल काम था. नया ब्लॉग बनाने का मतलब था कि मेरे पुराने ब्लॉग पर जो ट्रैफिक आ रहा था वो सब छोड़ के ज़ीरो से शुरू करना. और पुरानी पोस्ट्स पर कमेंट्स वगैरह थे वो सब गायब. सरे लिंक्स अपडेट करना. खैर टेक्नीकल जुगाडू हूँ तो थोड़ी सी मेहनत के बाद पूरा ब्लॉग ठीक ठाक से अपने नये सर्वर पर ट्रांसफर हो गया. बिना किसी कंटेंट, कमेंट, ट्रैफिक लॉस के.
अपने सर्वर और डोमेन पर जाने का एक फायदा हुआ कि गूगल रैंकिंग में काफी सुधार आया. अभी TOPIK सर्च करने पर मेरा ब्लॉग गूगल पर पहले, दूसरे या तीसरे नंबर पर आता है. कभी-कभी तो टॉपिक टेस्ट वालों की ऑफिशल साईट से भी ऊपर 🙂 इस ब्लॉग के फेसबुक पेज पर वर्तमान में 1485 फैन्स हैं. ब्लॉग पर प्रतिदिन औसतन एक हजार से पन्द्रह सौ तक पेज्व्यूज होते हैं. नीचे मैंने पिछले ढाई महीने के कंट्रीवाइज़ ट्रैफिक का स्क्रीनशॉट दिया है.
तो जून में ही दिमाग में आया कि क्यों न ब्लॉग पर गूगल एडसेंस ट्राई किया जाए. इसके लिए अप्लाई किया और गूगल ने एक्सेप्ट भी कर लिया. और आश्चर्य हुआ कि पहले दिन से ही लगभग प्रतिदिन एक डॉलर अकाउंट में आने लगे. चूंकि एजुकेशन से जुड़े एड्स का रेवेन्यू बहुत कम होता है इसलिए रकम कम थी वरना जितने क्लिक हर रोज हो रहे थे उस हिसाब से टेक्नीकल विषयों के ब्लॉग पर यह रकम दस से पन्द्रज डॉलर प्रतिदिन तक जा सकती थी. गूगल एडसेंस 100 डॉलर से ऊपर पहुँचने पर ही पेमेंट भेजता है. मेरे ब्लॉग को यह आंकडा छूने में ढाई महीने लग गए. पर अंततः गूगल ने 115.47 डॉलर्स (लगभग 5000 रूपये) की पेमेंट वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर से जारी कर दी जो मैंने अभी कुछ दिन पहले जाकर बैंक से प्राप्त की. नीचे जो नोट दिख रहे हैं वह लोकल कोरियन करेंसी में हैं. 🙂
संतोष यह है कि कम से कम ब्लॉगिंग के लिए अब घर का आटा नहीं गीला करना पड़ेगा. ब्लॉग डोमेन से लेकर सर्वर होस्टिंग वगैरह सबका खर्च आराम से निकल जाने की उम्मीद है. पर अपनी ब्लॉग के बारे में ज्यादा खुशी और संतोष तब होता है जब अलग-अलग देशों से लोगों के मेल-मैसेज मिलते हैं कि मेरे ब्लॉग से उनको मदद मिली.
टॉपिक गाइड पर पेजव्यूज़
Please Leave your Comment