हाथी धरती पर पाए जाने वाले सबसे ताकतवर जीवों में से हैं. इनका वजन 5 से 7 टन तक होता है और ऊँचाई 11 फुट तक. वे बड़े-बड़े वृक्षों को उखाड़ फेंकने की क्षमता रखते हैं. लेकिन चिडियाघरों, सर्कसों और ट्रेनिंग की जगहों पर उन्हें लोहे की जंजीरों से बांधकर रखा जाता है. वे चाहें तो एक झटके में उन्हें तोड़ कर फेंक सकते हैं पर वे इसके लिए कोशिश भी नहीं करते. क्यों होता है ऐसा?
दरअसल, हाथी को जंजीरों में सबसे पहले तब बांधा जाता है जब वह बहुत छोटा होता है. उस समय वह जंजीर को तोड़ने के लिए बहुत संघर्ष करता है लेकिन उसके पास इतनी ताकत नहीं होती कि वह उससे बाहर निकल सके. इस संघर्ष में कभी कभी उसके पैर भी छिल जाते हैं. धीरे-धीरे उसे इस बात का अहसास हो जाता है कि इन जंजीरों से निकलना उसके बस की बात नही और वह अपनी नियति को स्वीकार कर लेता है. कुछ सालों के बाद उसके पास इतनी ज्यादा ताकत आ जाती है कि वह उससे कई गुना मोटी जंजीरों को को भी तोड़ सकता है. लेकिन उसे इस ताकत का अहसास नहीं होता. उसे लगता है कि जंजीरें अब भी उतनी ही मजबूत हैं और वह उन्हें तोड़ने के लिए एक बार भी प्रयास नहीं करता.
निस्सन्देह, बहुत सटीक उदाहरण दिया है। मनुष्य तो कुछ जंजीरे स्वयं भी अपने पैरों में डाल लेता है और मान लेता है कि इनसे मुक्त नहीं हुआ जा सकता।
बहुत सही उदाहरण..