कल ईद थी. तो सोचा क्यों न सेवई खाई जाए. पिछली बार भारत से आते समय सेवई का एक पैकेट लेता आया था. तो सुबह उठ कर फ्रेश हुआ चाय बनाई और सेवई बनने के लिए गैस पर डाल दी. चाय पीते-पीते और फेसबुक पर थोड़ी बकैती करते-करते सेवई रेडी हो गयी. फिर एक कर्मठ फेसबुकिए की तरह खाने से पहले उसकी फोटो ली, फेसबुक पर लगाई और फिर खाया. 🙂

तो फोटो के साथ निमंत्रण भी लगा दिया कि किसी को आना है तो आ जाओ. तो शिवाजी नाम के एक मराठी छात्र हैं जो हमारी बिल्डिंग में ही दो कमरे बाद रहते हैं. उन्होंने कहा कि मैं आ रहा हूँ. मैंने कहा बिलकुल आइये. फिर शिवाजी आये, उनको सेवई खिलाई और आधे घंटे तक गपशप की. बातचीत का निचोड़ यह निकला कि सायंस की फील्ड में पीएचडी करने वालों का बड़ा बुरा हाल है और सबसे अच्छी तो सरकारी नौकरी ही होती है. 😉
वाह क्या सेवईं है! सरकारी नौकरी मिलने के लिये शुभकामनायें।