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  • चिरकुट छात्रों के लिए एक्जाम हॉल में करने लायक 18 रोचक काम

    चिरकुट छात्रों के लिए एक्जाम हॉल में करने लायक 18 रोचक काम

    stupid student in-exam-hall_livingindelhi.com_स्टुडेंट्स के सामने ऐसी सिचुएशन कई बार आती है कि आपको पहले से पता होता है कि इस एक्जाम में आपका फ़ेल होना पक्का है या उसमें अपीयर होने या न होने से कई फ़र्क पड़ने वाला नहीं है। ऐसा कई सिचुएशंस में हो सकता है, जैसे – या तो आपकी अटेंडेंस कम हो, या पिछले एक्जाम्स में फ़ेल हों या तैयारी बिलकुल ही न हो या रिक्वायर्ड क्रेडिट/मार्क्स आपके पास ऑलरेडी हों। ऐसे में एक्जाम को स्किप मत करें बल्कि उसे मनोरंजन के एक साधन के रूप में इस्तेमाल करें।

     ऐसी सिचुएशन में एक्जाम हॉल में करने लायक 18 रोचक चीजें :-
    *वैधानिक चेतावनी:- चिरकुट और गोबर छात्रों से सादर निवेदन है कि दिए गए तरीकों का इस्तेमाल अपने रिस्क पर करें. जूते पड़ने पर लेखक जिम्मेवार नहीं होगा. 😉
     1. अपने साथ एक तकिया लाएं और एक्जाम हॉल में सो जाएं। एक्जाम खत्म होने के 15 मिनट पहले उठ जाएं और कहें,”अरे! अब शुरु करना चाहिये”। कॉपी पर कुछ कूड़ा कचड़ा लिख कर एक्जाम खत्म होने से पांच मिनट पहले कॉपी जमा कर के निकल जाएं। इससे क्लास में एक मेधावी छात्र के रूप में आपका वजन बढ़ेगा।
     2. अगर मैथ या साइंस का एक्जाम है तो निबंध (Essay) के रूप में उत्तर दें। अगर आर्ट्स/सोशल साइंस का पेपर हो तो नम्बर्स, सिंबल्स और फ़ार्मूलों में उत्तर दें। कुछ क्रियेटिव करें। इंटीग्रेशन और डिफ़रेन्शिएशन के सिंबल्स यूज करें।
     3. क्वेश्चन पेपर से हवाई जहाज बनाएं और निरीक्षक की नाक के बाएं सुराख पर निशाना लगाएं।

    4. साथ में चीयर करने के लिए कुछ मित्रों को भी लायें। उन्हें एक्जाम हॉल से बाहर खड़ा करें।

    5. क्वेश्चन्स को ज़ोर ज़ोर से पढ़ें और खुद से ही तर्क दे देकर बहस भी करें।

    6. पेपर मिलने के 5 मिनट के बाद उठकर निरीक्षक को बुलाकर जोर जोर से चिल्लाने लगें, “ये पेपर है या नाटक है। कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है जबकि मैंने सारी क्लासें अटेंड की है। और आप हैं कौन? वो रेगुलर वाले टीचर कहां गये जिनके कानों में बाल थे।”

    7. कॉपी में हर सवाल के आगे कोई कारण लिखें कि आप उस सवाल का उत्तर क्यों नहीं दे सकते; जैसे कि यह सवाल मेरी धार्मिक भावनाओं के खिलाफ़ है।

    8. वीडियो गेम्स लेकर आयें और फ़ुल वोल्युम पर खेलें। पालतू जानवर लायें तो और भी अच्छा है।

    9. आंसर शीट में कलर पेंसिल्स, क्रेयॉन्स, पेन्ट और खुशबूदार मार्कर्स से लिखें।

    10. चप्पल, पगड़ी और तौलिया पहन कर आयें।

    11. पूरा पेपर किसी और भाषा (जैसे चाइनीज य कोरियन) में लिखें और अगर कोई और भाषा नहीं आती तो एक नई भाषा बना दें। गणित के एक्जाम में हमेशा रोमन नम्बर्स यूज करें।

    12. निरीक्षक पर निशाना लगाकर कंकड़ फ़ेंकें और बगल वाले पर इल्ज़ाम लगाएं।

    13. जैसे ही पेपर मिले उसे चबा जाएं और हंसने लगें।

    14. एक्जाम शुरू होने के आधे घंटे बाद ही पेपर जमा करने के लिए खड़े हो जायें। एक्जामिनर के यह कहने पर कि, आधा घंटा और वेट करें, बैठ जाएं। बार बार अंगड़ाई लें और दूसरे परिक्षार्थियों को यह कहकर कोसें कि कैसे कैसे कूढ़-मगज पड़े हुए हैं; इतने ईजी पेपर में इतनी देर लगा रहे हैं। ध्यान रखें: अपनी कॉपी खोलकर दिखाने से इनकार कर दें।

    15. अपने साथ एक मुकुट लेकर आयें। बीच बीच में मुकुट पहन कर खड़े हो जायें और कहें,”मैं हूं आज का अर्जुन!”

    16. एक्जाम के दौरान धीरे धीरे “मह्बूबा ओ मह्बूबा….” गुनगुनाते रहें। टीचर के कहने पर भी बन्द न करें। जब आपको जबर्दस्ती बाहर निकाला जाये तो “मस्त बहारों का मैं आशिक……” गाते हुए निकल जायें।

    17. अपने साथ किसी देवी-देवता की छोटी सी मूर्ति लेकर आयें और उसे अपने आगे डेस्क पर रखें। बीच बीच में उसकी पूजा-प्रार्थना करें; हो सके तो अगरबत्ती और कुछ पूजन सामग्री भी लायें।

    18.आंसर शीट के साथ किसी अन्य विषय के नोट्स अटैच कर दे (जैसे हिस्ट्री के पेपर में कैल्कुलस के नोट्स) और आंसर शीट में कमेंट लिख दें,”ज़रूरत के अनुसार रिफ़रेंस के लिए अटैच्ड नोट्स देखें”।

    *यह 4 दिसम्बर 2008 को मेरे पुराने ब्लॉग पर लिखे लेख का रीठेल है. 🙂

     

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    जेएनयू दही आंदोलन

     

    जेएनयू मेस दही आंदोलन
    जेएनयू मेस

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  • फेसबुक पर पाए जाने वाले 20 तरह के प्राणी – पार्ट 2

    फेसबुक पर पाए जाने वाले 20 तरह के प्राणी – पार्ट 2

     

    types of facebook users

    पहले पार्ट के लिए यहाँ जाएँ:- फेसबुक पर पाए जाने वाले 20 तरह के प्राणी

    11. द बाबा-   इस कैटेगरी में पत्रकार, लेखक, प्रोफ़ेसर, अफसर वगैरह लोग आते हैं. इन्हें लगता है कि ये दुनिया के सबसे बड़े इंटेलेक्चुअल हैं और पॉलिटिक्स, सोसायटी, आर्ट वगैरह से नीचे की टॉपिक्स पर लिखना इनके लिए तौहीन की बात है. कभी-कभी अच्छे मूड में होने पर ये कुछ फनी लिखने की भी कोशिश करते हैं जो जेनेरली असफल ही होता है. ये महीनों-बर्षों मेहनत करके अपने इर्द-गिर्द भक्तों और चमचों की एक फ़ौज खड़ी कर लेते हैं जो इनके हर पोस्ट पर ऐसे ताली बजाती है जैसे इससे कालजयी आज तक लिखा ही नहीं गया. ये सिर्फ पोस्ट करते हैं. दूसरों के पोस्ट्स को लाइक करना, उनपर कमेंट करना या छोटे-मोटे लोगों के कमेंट्स का जवाब देना ये समय की बर्बादी समझते हैं. अगर किसी भक्त से ज्यादा खुश हों तो कभी-कभी एक-दो शब्द लिख देते हैं जिससे वह भक्त अपने आप को धन्य मानता है.  (more…)

  • फेसबुक पर पाए जाने वाले 20 तरह के प्राणी

    फेसबुक पर पाए जाने वाले 20 तरह के प्राणी

    हममें से अधिकाँश लोग इंटरनेट पर अपना अधिकाँश समय सोशल साइट्स पर बिताते हैं और फेसबुक उन साइट्स में सबसे ऊपर आती है. अगर आप गौर से देखें तो फेसबुक पर आपके जितने भी फ्रेंड्स हैं उनको (और खुद को भी) कुछ कैटेगरीज में बाँट सकते हैं. वैसे तो फेसबुक पर अनगिनत किस्म के प्राणी हैं पर सबसे ज्यादा पाए जाने वाले और सबसे घातक और खतरनाक टाइप के प्राणी निम्नलिखित 20 टाइप के होते हैं. ध्यान रखें कि आप और हम भी इनमें से कई कैटेगरीज में शामिल हैं.

    *वैधानिक चेतावनी:

    • यहाँ लिखी बातों की किसी भी  जीवित या मृत व्यक्ति से समानता संयोग मात्र बिल्कुल नहीं है.  
    • यहाँ लिखी बातों को सीरियसली लेना सख्त मना है. अगर सीरियसली लेना ही हो तो अपने रिस्क पर लें. 

    1. द टैगकर्ता- ये फेसबुक पर पायी जाने वाली सबसे खतरनाक किस्म की प्रजाति है. ये फेसबुक पर पोस्ट-वोस्ट नहीं लिखते. बस हर दिन सौ-पचास फोटो अपलोड करते हैं- फूल, नदी, जानवर, सेलेब्रिटी, देवी-देवता, उपदेश इत्यादि की. गूगल इमेज सर्च को ये दुनिया के लिए वरदान मानते हैं. ये बड़े भोले किस्म के जीव होते हैं.  ये हर फोटो में सौ-पचास लोगों को टैग करते हैं. इनको लगता है कि जो महान और ख़ूबसूरत फोटो इन्होने अपलोड की है उसे सबको दिखाना इनका कर्तव्य है. अब लोग लापरवाह हैं, कहीं भूल जाएँ देखना; तो इसलिए ये उनको टैग कर देते हैं. कभी-कभी तो ये अपनी पासपोर्ट साइज़ फोटो में सौ-दो सौ लोगों को टैग कर देते हैं.

    उपाय: अगर टैगकर्ता आपसे उम्र, पद, प्रतिष्ठा में छोटा है तो एक बार हड़का दें, दुबारा टैग करने पर ब्लॉक या अन्फ्रेंड करें. अगर टैगकर्ता आपके वर्तमान, भूत या भविष्य को प्रभावित करने की क्षमता रखता है तो जाकर लाइक करें और लिखें. ‘दैड्स अमेजिंग. थैंक यू फॉर टैगिंग’ . बन पड़े तो फोटो को शेयर भी करें. अगर आप सीधे-साधे जीव हैं और टेंशन नहीं लेना चाहते तो चुपके से जाकर टैग हटाते रहें.

    2. द रीडर- ये बड़े निरीह प्राणी होते हैं. किसी को नुकसान नहीं पहुँचाते. ये फेसबुक पर न कुछ लिखते हैं, न कमेंट करते हैं न कुछ लाइक करते हैं. कभी-कभी लोगों को पता भी नहीं चलता कि वो फेसबुक पर हैं भी. लेकिन यह फेसबुक पर सबकुछ पढ़ते हैं. आपकी हर पोस्ट, हर कमेंट. और कभी कभार बातचीत में ये बोलेंगे,”हाँ ये तो आपके फेसबुक पर देखा था”.

    उपाय: कोई उपाय जरूरी नहीं. बस एक डायरी मेंटेन करें कि ये भी फेसबुक पर हैं, जिससे कि आप कभी गलती से इनके बारे में कुछ उल्टा-पुल्टा न लिख बैठें.

    3. द ताकू-झाँकू- ये ख़ुफ़िया जीव हैं जो आपकी हर गतिविधि पर नज़र रखते हैं. हो सकता है कि अपनी प्रोफाइल पर उतना टाइम आप भी नहीं स्पेंड करते हों जितना ये करते हैं. ये आपकी हर पोस्ट, कमेंट और फोटो एल्बम में गहरी दिलचस्पी लेते हैं. हो सकता है कि उसको अपने कम्प्यूटर में सेव करके भी रखते हों. ऐसा ये क्यों करते हैं यह डिपेंड करता है. लेकिन यह तो तय है कि उनकी आपमें गहरी दिलचस्पी है.

    उपाय: कोई सेंसिटिव तस्वीर या इन्फोर्मेशन न डालें. अपने भूतपूर्व प्रेमियों/प्रेमिकाओं/आशिकों पर खास नज़र रखें.

    4. द गेमर- ये फेसबुक पर उपलब्ध तमाम तरह के गेम खेलते हैं- फार्मविले, माफियाविले, गटरविले और पता नहीं क्या क्या. और दिन भर में इसके दस-बीस अपडेट आते हैं – ‘आई गॉट लेवल फाइव ऑन फ़ार्मविले’, ‘माई टोमैटोज आर रेडी, डू यू वांट सम’, बी माई नेवर ऑन माफिया विले’ वगैरह-वगैरह.

    उपाय: इनके झांसे में आकार गलती से कोई गेम ज्वाइन न करें. बहुत पछताएंगे. इनके स्टेटस अपडेट्स को ब्लॉक करें.

    5. द अटेंशन सीकर- जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ये अटेंशन के भूखे होते हैं और इसके लिए कुछ भी कर सकते हैं. ये ज्यादातर एन्क्रिप्टेड कोड टाइप के मैसेज लिखते हैं जिसे इनके अलावा कोई नहीं समझ पाए. जैसे- “आई न्यू इट विल हैप्पेन.”, आई कांट बिलीव यू कैन डू दिस टू मी’, ‘यस, आई डिड इट’ वगैरह वगैरह. ये उम्मीद करते हैं कि इनका कोडेड सन्देश लोग समझेंगे नहीं और पूछेंगे कि क्या हुआ.

    उपाय: भूल कर भी न पूछें कि क्या हुआ. ज्यादा खुश हैं तो बस लाइक कर दें.

    6. द गुरु- इनका काम होता है इंटरनेट से बड़े-बड़े फिलोस्फर्स और विद्वानों के Quotes कॉपी करके फेसबुक पर डालना. इनको लगता है कि और लोगों को नहीं पता कि ऐसे महान उपदेश इंटरनेट पर उपलब्ध हैं. और इन्हें आम जनमानस तक पहुंचाना उनका कर्तव्य है.

    उपाय: अगर आप दिन भर महान उपदेशों को पढकर इनफीरियरिटी कॉम्प्लेक्स नहीं प्राप्त करना चाहते तो इनके स्टेटस अपडेट को अनफौलो करें.

    7. द दुष्ट- आपके कमीने दोस्त इस श्रेणी में आते हैं. इनका एक ही काम होता है. जब भी आप कुछ ढंग का लिखकर भोकाली बनाने की कोशिश कर रहे हों ये वहाँ आकार रायता फैला देंगे. जैसे आपने ‘ग्लोबल वार्मिंग, न्यूक्लियर वेस्ट और इकॉनोमिक क्राइसिस के बीच रिलेशन बैठाते हुए कोई धाँसू सी पोस्ट मारी. तो वहाँ आकार ये कमेंट करेंगे,”और तेरे लूज मोशन ठीक हुए या अभी भी…?” या “ये बालकनी में लाल रंग का फटा अंडरवियर तेरा पड़ा है क्या? जाके उठा ले.. बारिश आ रही है”.

    उपाय: अगर आप सरे बाज़ार अपना पोपट नहीं बनवाना चाहते तो इनको खिलाते-पिलाते रहें.

    8. द दुखी आत्मा- ये रोंदू टाइप जीव होते हैं. इनको लगता है कि दुनिया में और उनकी अपनी ज़िंदगी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा. इनको लगता है कि दुनिया में हर कोई उनको परेशान करने के लिए षड्यंत्र कर रहा है. ये हर स्टेटस में रोते रहते हैं. ऐसे लोगों में  धोखा खाए और गर्लफ्रेंड-ब्वायफ्रेंड के ठुकराए प्रेमी ज्यादा होते हैं.

    उपाय: इनसे सौ फीट की दूरी बनाकर रखें. क्योंकि यह कम्यूनिकेबल बीमारी है. 

    9. द हाइजैकर- ये अजीब किस्म की प्रजाति है. ये आपके पूरे पोस्ट को ही हाइजैक कर लेंगे. ये पोस्ट के टॉपिक से हटकर कुछ अलग ही बात शुरू कर देंगे. जैसे आपने भ्रष्टाचार और पॉलिटिक्स पर कुछ लिखा तो वो आकार कमेंट करेंगे,’हाय, हाउ आर यू? सब ठीक चल रहा है?’  और फिर वो चैटिंग में बदल जाएगा. कभी-कभी उनके और दोस्त भी चैटिंग को ज्वाइन कर लेंगे और आपको लगेगा कि ये आपकी नहीं उनकी ही पोस्ट है. आपके जो मित्र आपकी पोस्ट पर कमेंट करना चाहेंगे वे वहाँ रायता फैला देखकर निकल लेंगे. 

    उपाय: टॉपिक से अलग कमेंट का जवाब पोस्ट पर न देकर मैसेज में या उनकी वाल पर जाकर दें जिससे रायता वहीं फैले. आपकी पोस्ट पर नहीं.

    10. द लिंकचेंपू- इनका काम होता है इंटरनेट में इधर-उधर से लिंक लेकर चेपना. न्यूज, आर्टिकल, सर्वे, यूटयूब वीडियो और अन्य तरह की मनोरंजक और उपयोगी सामग्री. इनकी फेसबुक वाल एक भरे-पूरे मनोरंजन पोर्टल की तरह होती है. कभी मन न लगे तो आप इनकी वाल का इस्तेमाल एक वेबसाईट की तरह कर सकते हैं. यह प्राणी अगर ब्लॉगर भी है तो अपनी हर पोस्ट का लिंक भी चेंपेगा. सावधान रहें.

    उपाय: इनके स्टेटस अपडेट को नियमित देखने के बजाये आप शाम को एक बार उनकी वाल पर जाकर दिनभर का पूरा मसाला देख लें. इससे आपके समय की बचत होगी.  

    अब चूंकि यह पोस्ट कुछ ज्यादा ही लंबी और चाटू होती जा रही है इसलिए इसको यहीं निपटाते हैं. बाकी दस तरह के जीवों से अगली पोस्ट (पार्ट 2) में मिलते हैं.  कीप फेसबुकिंग … 😉